27.3.09

इंदरधनुष के रंग

इंदरजीत नंदन पंजाबी के युवा कवित्रियों में जाना पहचाना नाम है। नंदन की कविता एक औरत की नहीं बल्कि सब की कविता है। उसकी कविता में इंदरधनुषी रंग हैं। जो सबको मोह लेते हैं। शहीद-ए-आजम पर पहली दफा महाकाव्य लिखने वाली इंदरजीत नंदन की करीब छह पुस्तकें प्रकाशित हैं। उनसे जीना सीखा जा सकता है। उनकी कुछ कविताएं-


दिन
सूरज निर्र्विचार होकर
नदी में डूब गया
केसरी पानी के तल पर
सिमृतियां फैल गईं
दिन समेट रहा है
अपने हिस्से की यादें
आज की होनी का
लेखा-जोखा...

रात
कुदरत अपने नियम में है
अंधेरा उतर आया है
रात के आगोश में से
पौ फूटना
नित्य कर्म
सृजन का महान रहस्य...!

डर
मेरा डर...
तुम्हारा डर...
सब का अपना-अपना डर...
यह कभी नहीं लौटने देता
हमें वर्तमान की दहलीज पर

मैं
तुम और मैं
मैं और तुम
तुम्हारी मैं
इस से ज्यादा
क्या हम खुद को भी
हैं जान सके...?

2 comments:

  1. सून्दर प्रयास। बहुत बहुत बधाई

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  2. बहुत अच्‍छी कविताए.
    इबलीस पंजाबी के उन कवियों में से हैं, जो कवि होनेक के साथ साथ अच्‍छे इंसान भी हैं...
    नव्‍यवेश नवराही

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